पश्चिम बंगाल के राजनीतिक पटल पर लंबे समय से चल रही अस्थिरता के बीच केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह 1 जून को कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम से आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का शंखनाद करने जा रहे हैं।
| ब्योमटाइम्स को पता चला है कि अमित शाह स्वामी विवेकानंद के घर जा सकते हैं। (पीटीआई) |
सूत्रों के अनुसार, यह बैठक महज एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि प्रदेश संगठन को नई दिशा देने की एक संगठित पहल है। माना जा रहा है कि शाह की पहल पर यह आयोजन किया जा रहा है, ताकि न सिर्फ प्रदेश नेतृत्व, बल्कि मंडल स्तर के प्रमुखों को भी यह स्पष्ट संदेश दिया जा सके कि आने वाले महीनों में किस तरह की रणनीति अपनानी है।
प्रदेश में भाजपा के कुल 1,300 मंडल हैं, और कार्यक्रम के लिए नवनियुक्त मंडलों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। साथ ही, पूरे जिला और प्रदेश नेतृत्व की अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
भाजपा के अंदरूनी हलकों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि पिछले एक साल से तृणमूल कांग्रेस में मची राजनीतिक उथल-पुथल का पार्टी ने अपेक्षित लाभ नहीं उठाया है। चाहे गठिया का मामला हो, डॉक्टर के साथ जघन्य घटना हो या नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों के खिलाफ प्रदर्शन- पार्टी अभी तक जनता को अपने पक्ष में संगठित करने में पूरी तरह सफल नहीं हो पाई है। ऐसे में शाह के दौरे से पार्टी कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार हो सकता है। अगर हम पिछले उदाहरण को देखें तो चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में संगठन की स्थिति कमोबेश ऐसी ही थी, जहां शाह ने दिल्ली से रोजाना स्थिति की समीक्षा की और चुनाव की रूपरेखा तैयार की- और इसके परिणामस्वरूप पार्टी को निर्णायक सफलता मिली।
भाजपा के एक वरिष्ठ राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य ने न्यूज18 से कहा, "शाह जी ऐसी बैठकों में गहन चर्चा करते हैं। उम्मीद है कि इस बार भी उनके मार्गदर्शन से कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि अगर वह 1 जून को मुर्शिदाबाद या ऑपरेशन सिंदूर जैसे मुद्दे उठाते हैं तो यह पार्टी के लिए अच्छा होगा।" इसके साथ ही सूत्रों ने जानकारी दी है कि संगठनात्मक चर्चा के बाद अमित शाह एक विशेष "धार्मिक अनुष्ठान" में भी हिस्सा लेंगे। कयास लगाए जा रहे हैं कि वह स्वामी विवेकानंद के आवास पर भी जा सकते हैं, जिनकी शिक्षाओं को भाजपा और संघ ने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और हिंदुत्व की विचारधारा के आदर्श के रूप में प्रस्तुत किया है। इस कार्यक्रम की देखरेख भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी कर रही हैं, जिनका नाम पार्टी के आगामी प्रदेश अध्यक्ष के दावेदारों में प्रमुखता से लिया जा रहा है। कार्यक्रम में विभिन्न संगठनों के संतों के भी शामिल होने की संभावना है, जिससे यह आयोजन धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक शक्ति प्रदर्शन का रूप भी ले सकता है।
न्यूज़18 की रिपोर्ट - बीजेपी हडल से विवेकानंद कार्यक्रम तक, अमित शाह 1 जून को बंगाल चुनाव का बिगुल फूंकने की योजना कैसे बना रहे हैं
लेखक: ब्योम टाइम्स न्यूज डेस्क
0 टिप्पणियाँ