शारदा यूनिवर्सिटी छात्रा ज्योति की आत्महत्या: शिक्षकों की गिरफ्तारी, यूनिवर्सिटी में तनाव

शारदा यूनिवर्सिटी छात्रा ज्योति आत्महत्या केस: शिक्षकों की गिरफ्तारी

ग्रेटर नोएडा की छात्रा ज्योति ने लगाई फांसी: दो शिक्षकों पर उत्पीड़न का आरोप, शारदा यूनिवर्सिटी में उबाल

ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश – शारदा यूनिवर्सिटी की बीडीएस थर्ड ईयर की छात्रा ज्योति सिंह ने छात्रावास के अपने कमरे में आत्महत्या कर ली। यह खबर पूरे परिसर में गूंज बनकर फैल गई, जिसके बाद छात्रों में आक्रोश और परिजनों में मातम है। ज्योति, मध्यप्रदेश के रीवा की रहने वाली थी और यूनिवर्सिटी के गर्ल्स हॉस्टल में रह रही थी। शुक्रवार शाम जब वह कमरे से बाहर नहीं निकली, तो साथियों ने दरवाजा खुलवाया। अंदर का दृश्य दिल दहला देने वाला था — ज्योति फंदे से झूल रही थी। मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें दो शिक्षकों को जिम्मेदार ठहराया गया है।

सुसाइड नोट में क्या लिखा था?

नोट में ज्योति ने लिखा कि उसे बार-बार परीक्षा में फेल किया गया और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। दोनों टीचर्स के नाम साफ तौर पर उल्लेखित हैं, जिन पर शैक्षणिक उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है। छात्रा ने यह भी कहा कि उसने कई बार शिकायत करनी चाही लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

गिरफ्तारी और जांच समिति का गठन

पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपितों को हिरासत में लिया है और IPC की धारा 306 के तहत केस दर्ज किया गया है। इसके अलावा, शारदा यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पांच सदस्यों की एक आंतरिक जांच समिति बनाई है, जिसे सात दिनों में विस्तृत रिपोर्ट देनी होगी।

छात्रों का प्रदर्शन और मांग

घटना के बाद यूनिवर्सिटी में तनाव का माहौल बना हुआ है। छात्रों ने हॉस्टल परिसर के बाहर प्रदर्शन किया और न्याय की मांग की। उनका कहना है कि यह आत्महत्या नहीं, एक सिस्टम की असफलता है।

मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी का नतीजा?

ज्योति की मौत ने एक बार फिर उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों की मानसिक स्थिति और शिक्षक-छात्र संबंधों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सिर्फ शिक्षा ही नहीं, सहानुभूति और समझ भी ज़रूरी है।


📌 ByomTimes Editorial Verdict

"हर छात्र की ज़िंदगी अनमोल है। संस्थानों का यह कर्तव्य है कि वे पढ़ाई के साथ-साथ मानसिक और भावनात्मक सहयोग भी सुनिश्चित करें। ज्योति अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसकी चुप्पी हमें बहुत कुछ सिखा गई है।"


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लेखक: ब्योम टाइम्स न्यूज डेस्क 

दिनांक: 19 जुलाई 2025

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