भारत में एक और मॉक ड्रिल की चर्चा के बीच, पंजाब के सीमावर्ती गांव अलर्ट।

ऑपरेशन शील्ड के तहत मॉक ड्रिल, आज पंजाब में आयोजित की जानी थी। लेकिन तात्कालिक रूप से स्थगित कर दिया गया। सरकार ने कहा है कि अभ्यास की नई तारीखों की घोषणा बाद में की जाएगी।

बुधवार दोपहर फाजिल्का जिले के सीमावर्ती गांव रूपनगर में
भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष जय इंदर कौर। (एक्सप्रेस फोटो)

ग्रामीणों का बढ़ चढ़कर सहयोग पूर्वानुमान तरीके से तैयार देखने को मिले उनका कहना है की अगर एक और ड्रिल की घोषणा की जाती है उसे स्थिति में समस्त गांव वासी सहयोग करने के लिए तत्पर और तैयार हैं। पंजाब सरकार ने ऑपरेशन शील्ड के तहत मॉक ड्रिल या नागरिक सुरक्षा अभ्यास आयोजित करने की तारीखों को वर्तमान तारीख तक अंतिम रूप नहीं दिया है। वही राज्यों के अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आमजन का मनोदशा तैयारी और लचीलेपन का है। 

पहलगाम में आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव के दौरान सीमावर्ती जिले हाई अलर्ट पर थे। वहीं दोनों देशों के युद्ध विराम पर सहमत होने के बाद तनाव कम हुआ। पंजाब पाकिस्तान के साथ लगभग 553 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है। जो 6 जिलों: पठानकोट, गुरदासपुर, तरनतारन, अमृतसर, फाजिल्का, और फिरोजपुर में फैली हुई है, यह सीमाएं।


फाजिल्का के पक्का चिश्ती गांव के परमजीत सिंह ने कहा, "युद्ध विराम 10 में को हुआ था, लेकिन हम अभी भी सतर्क हैं।" हमारे परिवार के ज्यादातर सदस्य फाजिल्का शहर में रह रहे हैं जबकि मैं खेतों में जाता हूं जो सीमा से कुछ ही मीटर की दूरी पर है जीवन सामान्य सा प्रतीत होता है लेकिन हमेशा सतर्क रहने की जरूरत है, सीमावर्ती ग्रामीण इलाकों से बेहतर इसे और कौन समझ सकता है? उन्होंने आगे कहा अपने आपबीती बताते हुए की हमारा गांव अभी भी घर जल्दी लौट का अनुशासन बनाए हुए हैं। स्ट्रीट लाइट सिर्फ इसी हफ्ते जलाई गई है अगर कोई और मॉक ड्रिल होती है तो होने दे - हम तैयार हैं। लेकिन हमें उम्मीद है कि यह सिर्फ एहतियाती है; कोई भी देश अभी संघर्ष बर्दाश्त नहीं कर सकता। "पिछले हफ्ते तक, फाजिल्का जिले के कादर बख्श गांव के ग्रामीण अपने घरों से लगभग 10 किलोमीटर दूर सो रहे थे। 10 दिन में काम के लिए वापस आते थे और शाम को अपने घरों को बंद कर देते थे, क्योंकि गांव अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सिर्फ और सिर्फ 400 मीटर की दूरी पर ही स्थित है। हालांकि, सूत्रों के हवाले बताया गया है कि अब वह वापस लौट आए हैं। फाजिल्का के पट्टी सदीक गांव के गुरप्रीत सिंह ने कहा इस अभ्यास मॉक ड्रिल की घोषणा के बाद लोग तनाव में हैं... मानो फिर से कुछ बड़ा होने वाला है। आधुनिक समय के युद्धों में नागरिक भी हमारी सेवा के बराबर जोखिम में है क्योंकि ड्रोन और मिसाइल नागरिक क्षेत्र को भी निशाना बनाती है, चाहे वह शहर हो या गांव। हम चाहते हैं की शांति निरंतर बनी रहे, फिरोजपुर जिले के गठी राज्यों के ब्लॉक के भाखड़ा गांव में वंजर सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा है कि अब शहरों में रहने वाले लोग ग्रामीणों से ज्यादा सतर्क हैं। ड्रोन फिरोजपुर, बठिंडा, होशियारपुर, अमृतसर, और पठानकोट जैसे शहरी इलाकों में घुस गए। इसलिए सिर्फ हमारे लिए ही नहीं बल्कि - सभी के लिए जान जोखिम में हैं, हमारे आसपास के इलाकों में बनकर है और हम मुश्किलों के आदी हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद हमने महिलाओं और बच्चों को अपने रिश्तेदारों के घर भेज दिया, लेकिन अब कहीं भी ड्रोन हमले होते देखने के बाद... हम वहीं रहने जा रहे हैं। जब तक की सेना हमें हटने के लिए ना कहे, " वंजर ने कहा। युद्ध विराम के बाद हमने सीमा के दूसरी तरफ से ढोल की आवाज़ें सुनीं। जवाब में हमने लाउडस्पीकर पर सिद्धू मूसे वाला के गाने बजाय और ट्रैक्टर मार्च निकाला। उसके बाद से, सीमा पार से शांति है। सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के बाद बड़े तनाव के दौरान पंजाब के कई जिलों में सायरन ठीक से काम नहीं कर रहे थे, क्योंकि दशकों से उनका इस्तेमाल नहीं किया गया था।


ऑपरेशन शील्ड: अभी नई तारीखों की घोषणा बाकी है 

सीमावर्ती राज्यों में ड्रोन गतिविधि में वृद्धि के मध्य नजर यह ऑपरेशन हवाई खतरों या आपातकालीन स्थितियों में समन्वित प्रतिक्रियाओं के लिए नागरिकों को और अधिकारियों दोनों को तैयार करने के लिए बनाया। सरकार द्वारा ऑपरेशन शील्ड के तहत नागरिकों को सभी लाइटें बंद करने और घर के अंदर रहने का निर्देश दिया जाएगा। तारीख है तय होने के तत्पश्चात राज्यव्यापी मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट आयोजित कर सकती है।

29 मई को होने वाली थी मॉक ड्रिल, लेकिन प्रशासनिक कारणों से इसे स्थगित कर दिया गया। हालांकि, शुरुआत में पंजाब सरकार ने कहा था कि ड्रिल 3 जून को होगी, अभ्यास की नई तारीखों की घोषणा बाद में की जाएगी - बुधवार देर शाम जारी एक प्रेस बयान में कहा गया था।


अबोहर के विधायक संदीप जाखड़ और भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष जय इंदौर कौर ने बुधवार को फाजिल्का के सीमावर्ती गांव का दौरा किया और निवासियों से बातचीत की और उनकी चिंताओं को समझा। जाखड़ ने कहा - "हमने अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब कई गांवों का मौयना किया और ग्राम वासियों की शिकायतें भी सुनीं। हम उनके मुद्दों को उच्च अधिकारियों के समक्ष उठाएंगे। उठाए गए मुद्दे कंटीली तार के पार की जमीन पर फसल के नुकसान के मुआवजे खेती पर प्रतिबंध रोजगार के अवसरों की कमी  व तमाम मुद्दे आदि से संबंधित थे।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट - एक और मॉक ड्रिल की चर्चा के बीच, पंजाब के सीमावर्ती गांव अलर्ट पर


लेखक: ब्योम टाइम्स न्यूज डेस्क 

दिनांक: 29 मई 2025

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