उत्तर भारत को मिली पहली खगोल विज्ञान लैब, आह्वान फाउंडेशन की अनोखी पहल

उत्तर भारत की पहली एस्ट्रोनॉमी लैब आह्वान फाउंडेशन द्वारा शुरू

नई दिल्ली: भारत में शिक्षा और प्रौद्योगिकी को नया आयाम देने की दिशा में काम कर रहे आह्वान फाउंडेशन ने उत्तर भारत में पहली खगोल विज्ञान प्रयोगशाला स्थापित कर ऐतिहासिक कदम उठाया है। यह प्रयोगशाला उन छात्रों के लिए वरदान साबित होगी जो भविष्य में इसरो, नासा या अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों में वैज्ञानिक बनकर भारत का नाम रोशन करना चाहते हैं।

यह प्रयोगशाला न केवल छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान से परिचित कराएगी, बल्कि STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित) के क्षेत्र में नवाचार और अनुसंधान की संभावनाओं को भी बढ़ावा देगी। इससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के छात्र लाभान्वित होंगे।

आह्वाहन फाउंडेशन क्या कर रहा है?

आह्वाहन फाउंडेशन एक अखिल भारतीय गैर सरकारी संगठन है जो शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण और डिजिटल समावेशन जैसे क्षेत्रों में काम कर रहा है। संगठन का उद्देश्य है कि "कोई भी बच्चा शिक्षा के बिना न रहे"।

शिक्षा के क्षेत्र में पहल:

अब तक 78 से अधिक सरकारी स्कूलों को गोद लिया जा चुका है।

“एजुकेशन ऑन व्हील्स” और “लैपटॉप बैंक” जैसी योजनाओं के माध्यम से हजारों बच्चों को शिक्षित किया जा रहा है।

“प्रोजेक्ट उन्नति” और “प्रोजेक्ट उड़ान” जैसी योजनाओं के माध्यम से लड़कियों को साइकिल और छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है, जिससे स्कूल छोड़ने वालों की दर में कमी आई है।

स्वास्थ्य सेवाएँ:

“हेल्थ ऑन व्हील्स” के तहत मोबाइल हेल्थ क्लीनिक के माध्यम से 1 लाख से अधिक रोगियों को निःशुल्क चिकित्सा सेवा प्रदान की गई है।

कोविड-19 के दौरान 4 लाख से अधिक लोगों को भोजन, दवाएँ और सहायता पहुँचाई गई।

पर्यावरण संरक्षण:

“गो ग्रीन इंडिया” अभियान के तहत 15 लाख से अधिक पेड़ लगाए गए हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट कृषि और जल संरक्षण तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है।

महिला सशक्तिकरण:

सिलाई, बुनाई, डिजिटल शिक्षा, स्वरोजगार के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।

एनजीओ के माध्यम से महिलाओं को सरकारी योजनाओं से जोड़कर उनका सामाजिक विकास सुनिश्चित किया गया है।

संस्थापक श्री ब्रजकिशोर प्रधान: एक दूरदर्शी परोपकारी और व्यवसायी

ब्रजकिशोर प्रधान (जन्म 1987) न केवल एक सफल व्यवसायी हैं, बल्कि एक समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता और परोपकारी भी हैं। मात्र एक दशक में, उन्होंने कई क्षेत्रों में व्यवसाय खड़ा किया है - जैसे कि सॉफ्टवेयर विकास, आतिथ्य, भर्ती और एडटेक।

शैक्षिक पृष्ठभूमि:

पीजीडीएम (मार्केटिंग) - सीएसआरईएम, सेंचुरियन यूनिवर्सिटी (2008-2010)

डीएसएलएम (प्रबंधन) - इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ लॉजिस्टिक्स, चेन्नई (2010)

मार्केटिंग में कार्यकारी कार्यक्रम (ईपीडीएम) - एक्सएलआरआई, जमशेदपुर (2010-2011)

एक्सएलआरआई जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से अध्ययन करने के बाद, ब्रजकिशोर ने डिजिटल तकनीकों और नवाचार को अपनाया है और विभिन्न संगठनों को डिजिटल रूप से बदलने में मदद की है।

उनका विजन:

“मैंने प्रौद्योगिकी का उपयोग केवल व्यवसाय के लिए नहीं, बल्कि समाज की सेवा के लिए किया है।”

— ब्रज किशोर प्रधान

उनका मानना ​​है कि भारत का सच्चा विकास "डिजिटल इनोवेशन" और "समाज सेवा" के संयोजन से ही संभव है। इसी सोच के साथ उन्होंने आह्वान फाउंडेशन की शुरुआत की और आज यह संस्था लाखों लोगों के जीवन को छू चुकी है।

क्यों खास है यह एस्ट्रोनॉमी लैब?

आह्वान फाउंडेशन द्वारा स्थापित उत्तर भारत की पहली खगोल विज्ञान लैब में छात्र अंतरिक्ष विज्ञान सीखते हुए

उत्तर भारत की पहली एनजीओ द्वारा संचालित एस्ट्रोनॉमी लैब

ग्रामीण छात्रों को दूरबीन, आधुनिक अंतरिक्ष तकनीक और व्यावहारिक शिक्षा सीखने का अवसर

भविष्य में इसरो/नासा में करियर बनाने की दिशा में मार्गदर्शन

विज्ञान ओलंपियाड, शोध परियोजनाओं और इनोवेशन प्लेटफॉर्म से जुड़ाव

निष्कर्ष

आह्वाहन फाउंडेशन की यह पहल सिर्फ एक लैब की शुरुआत नहीं है, बल्कि यह भारत के वैज्ञानिक भविष्य की नींव है। ब्रज किशोर प्रधान जैसे उद्यमियों और समाजसेवियों की वजह से ही आज भारत का एक ग्रामीण छात्र भी एस्ट्रोनॉमी में रुचि लेकर देश के लिए योगदान दे सकता है।

"जहां शिक्षा का दीप जलता है, वहां समाज का अंधकार दूर होता है।" आह्वान फाउंडेशन का यह प्रयास इसी सोच को साकार करता है।


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लेखक: ब्योम टाइम्स न्यूज डेस्क 

दिनांक: 25 जून 2025

संपर्क: byomtimes@gmail.com

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