पाकिस्तान ने फिर किया संघर्ष विराम का उल्लंघन: भारत ने दिया करारा जवाब, जानें ड्रोन हमलों से लेकर ब्लैकआउट तक का ताजा घटनाक्रम
अपनी भाषा में समझें: पाकिस्तान ने संघर्ष विराम क्यों नहीं माना
क्या आप जानते हैं? भारत और पाकिस्तान के बीच 2025 में सबसे बड़ा संघर्ष विराम उल्लंघन सामने आया है। हालांकि दोनों देशों ने आधिकारिक तौर पर शाम 5 बजे संघर्ष विराम लागू करने की घोषणा की है, लेकिन सच्चाई कुछ और ही निकली।
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ब्लैक आउट के दौरान राजौरी में छाया अंधेरा - फोटो : अमर उजाला |
कहां से शुरू हुआ?
शाम 7:30 बजे राजौरी के सुंदरबनी सेक्टर में अचानक पाकिस्तान की ओर से भारी गोलाबारी शुरू हो गई। इतना ही नहीं, श्रीनगर, उधमपुर, पुंछ, नौशेरा, सांबा और कठुआ जैसे संवेदनशील इलाकों में विस्फोट और फायरिंग की आवाजें गूंजती रहीं।
ड्रोन से भी हमला!
अरनिया, कनाचक और सांबा जैसी जगहों पर कम से कम 3-3 ड्रोन देखे गए। बीएसएफ ने तुरंत कार्रवाई करते हुए ड्रोन को नष्ट कर दिया। सुरक्षा में कोई कमी न आए, इसके लिए ज्यादातर जगहों पर ब्लैकआउट भी लागू कर दिया गया।
What the hell just happened to the ceasefire? Explosions heard across Srinagar!!!
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) May 10, 2025
सरकार और सेना का क्या दावा है?
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला इस मुद्दे को लेकर गहरी चिंता में थे और उन्होंने कहा कि "अब समय आ गया है कि जमीनी हालात को समझा जाए और घायल परिवारों को जल्द से जल्द मुआवजा और चिकित्सा सुविधाएं दी जाएं।"
इस बीच, रक्षा मंत्रालय ने साफ किया कि भारत ने कोई उकसावे वाली कार्रवाई नहीं की, बल्कि आत्मरक्षा में प्रतिक्रिया की।
तो क्या युद्ध विराम महज दिखावा था?
ऐसा नहीं कहा जा सकता, लेकिन पाकिस्तान की कार्रवाई विश्वसनीय नहीं थी। युद्ध विराम उल्लंघन से साफ पता चलता है कि जमीनी हकीकत और कूटनीति के बीच बहुत बड़ा अंतर है।
आशा की किरण कहां है?
इन सबके बावजूद, भारत की जिम्मेदारी, स्पष्ट सोच और सेना के संयम से पता चलता है कि शांति की उम्मीद अभी भी कायम है। जिस तरह फैशन ब्रांड "इको-फ्रेंडली फैशन" ने फैबइंडिया, भू:सत्व और नो नैस्टीज के लिए क्रांति ला दी, उसी तरह भारत अपनी नीतियों के साथ स्थिरता की राह पर चल रहा है।
हमारे पास विकल्प है- समाधान चुनना, टकराव नहीं।
क्या आप शांति और स्थिरता की राह पर चलना चाहते हैं? तो आइए जानकारी का प्रसार करें, सच्चाई को सामने लाएं और अपनी राय व्यक्त करें - ताकि संघर्ष विराम कागज़ों पर नहीं, बल्कि ज़मीन पर स्थायी बन सके।

1 टिप्पणियाँ
Jai hind ki sena khabro ko sahi dhang se pahuchane ke liye dhanyawaad
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