Dhirendra Shashtri: मिथिला सबसे सभ्य, भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना संकल्प

 "मिथिला- वैदिक परंपरा की जीवंत धरोहर बागेश्वर धाम सरकार का विशेष संदेश" 


"मिथिला दुनिया में सबसे अधिक खेती-किसानी वाली जगह है और मैं बार-बार मिथिला आना चाहूंगा

यह फैसला न केवल मिथिला की महान परंपरा को सम्मान देता है, बल्कि भारत के कलात्मक मूल्यों की गहराई को भी उजागर करता है। यह बात बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मिथिला मिरर के संपादक ललित नारायण झा से विशेष बातचीत में कही। धीरेंद्र शास्त्री का यह कथन उन सभी मिथिलावासियों के लिए गौरव की बात है, जो आज भी अपनी संस्कृति, लोक परंपरा और वैदिक जीवन को अपने जीवन का आधार बनाते हैं। उन्होंने कहा कि"चाहे मिथिला की लोक रीति-रिवाज हों या वैदिक रीति-रिवाज, यह भूमि आज भी उन मूल्यों का जीवंत चित्रण है, जिन पर भारत खड़ा है।" 

भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना एक संकल्प है धीरेंद्र शास्त्री इस विशेष साक्षात्कार के दौरान शास्त्री जी ने यह भी स्पष्ट किया कि"भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना केवल एक विचार नहीं, बल्कि एक संकल्प है।" 

उनका मानना ​​है कि यह राष्ट्र हजारों वर्षों से सनातन संस्कृति और हिंदू धर्म के मूल्यों पर खड़ा है। उन्होंने दो टूक कहा था, ''अगर कोई भारत को छेड़ेगा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।'' 


यह कथन न सिर्फ राष्ट्रवाद की भावना को जगाता है, बल्कि यह भी बताता है कि जब राष्ट्र की संस्कृति और अस्मिता पर आंच आती है तो भारतीय एकजुट होकर जवाब देना जानते हैं। मिथिला सिर्फ एक भूभाग नहीं, एक जीवन पद्धति मिथिला सिर्फ एक क्षेत्र नहीं, बल्कि संस्कृति, ज्ञान और वैदिक ज्ञान का केंद्र है। जनकपुरी से लेकर विद्यापति और कालिदास तक की परंपरा इस धरती पर आज भी जीवित है। धीरेंद्र शास्त्री जैसे व्यक्तित्व का मिथिला के प्रति यह प्रेम दर्शाता है कि यह क्षेत्र सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से भी विशेष स्थान रखता है।


 📌 निष्कर्ष: धीरेंद्र शास्त्री का यह संवाद भारतीयों के लिए एक सीख है- कि अपनी जड़ों को जानना, उन पर विश्वास करना और उनकी रक्षा करना ही राष्ट्रवाद की पहली सीढ़ी है


हाइलाइट्स

  • मिथिला
  • दुनिया का सबसे वैज्ञानिक स्था
  • भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का संकल्प
  • धीरेंद्र शास्त्री
  • विशेष संदेश

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